किसी भी पूजा-पाठ या काम में सफलता के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है। अगर किसी पूजा में मन इधर-उधर भटकता है, एकाग्रता नहीं रहती है तो पूजा सफल नहीं हो पाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार एकाग्रता बढ़ाने के लिए त्राटक करना चाहिए। ये एक ऐसी क्रिया है, जिसमें लगातार किसी एक चीज को देखना होता है। त्राटक कई प्रकार से किया जा सकता है। त्राटक क्रिया 2 या 3 मिनट से शुरू करनी चाहिए और धीरे-धीरे इसका समय बढ़ाना चाहिए। इसे करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह भी अवश्य लेनी चाहिए। यहां जानिए त्राटक की कुछ खास विधियां...
- बिंदू त्राटक
इस क्रिया में किसी एक ड्राइंग बोर्ड पर या दीवार बिंदू लगाया जाता है और उस पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
- दीपक त्राटक
दीपक त्राटक में घी या तेल का दीपक जलाकर उसकी लौ पर ध्यान लगाने की कोशिश की जाती है। ये अभ्यास लगातार करने से एकाग्रता बढ़ने लगती है। ये क्रिया मोमबत्ती जलाकर भी की जा सकती है।
- मूर्ति त्राटक
किसी देवी-देवता की मूर्ति को देखकर भी त्राटक किया जाता है। इस क्रिया में मूर्ति या चित्र को चरणों से लेकर सिर तक निहारते रहना होता है। फिर धीरे-धीरे अपनी नजर भगवान के किसी एक अंग पर स्थित कर देनी होती है।
- चंद्रमा त्राटक
चंद्रमा त्राटक में चंद्र को एकटक देखना होता है। रोज चंद्र उदय के बाद ये क्रिया की जाती है। ऐसा करने से एकाग्रता के साथ ही स्वभाव में शीतलता भी आती है।
- दूर त्राटक
पुराने समय में ऋषि-मुनि इसी तरह का त्राटक किया करते थे। वे दूर किसी पेड़-पौधे या पहाड़ पर अपना ध्यान क्रेद्रित करते थे। इसी से वे समाधी की अवस्था प्राप्त करते थे।